भविष्य एक रहस्य है
अतीत एक बंद किताब ,
वर्तमान खुला पृष्ठ है
यह ग्रन्थ किसने लिखा ?
रूप खींच लेता है पल भर में
गुण धीरे -धीरे खींचते हैं ।
मिल जाता है बहाना जीने के लिए ,
मिल ही जाएगा मौका मरने के लिए ।
हर कही सुनी बात
हकीकत नही होती ,
नजारा कुछ और ही होता
अगर हकीकत जानता कोई ।
चमन में बहार आती नही
आती है बहार वीराने में भी ,
दिल का दरिया भरा हो
तो जेठ भी सावन हो जाता है ।
हम तो उन्हें साथ लेकर ही
चले थे शबाबये महफ़िल में ,
या करें इस किस्मत का
वो हमें , छोड़ आए शमशान में ।
अपने रुख से परदा हटाया कभी
बेरुखी तुम्हारी ही बेपर्दा कर गई ,
बेआवरू करने की आदत है तेरी
पर , रूवरू तो हो जा मेरी ।
विद्या शर्मा .....
1 comment:
हर कही सुनी बात
हकीकत नही होती ,
नजारा कुछ और ही होता
अगर हकीकत जानता कोई ।
बहुत खूब !!!
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