प्रियतम का पत्र मिला ,
जाने क्या -क्या
लिखा होगा ?
प्यार की बातें ,
गिला शिकवा
नाराजगी या
शिकायत ,
मेरे रूठकर चले आने पर
मनुहार या
जल्दी आने की
रट ।
होली के रंग में रंगा
यादों का समंदर
या , जागते अरमानों का पैगाम ,
सोते सपनों का संसार ,
या, आरजुओं का सैलाव ।
इसी उधेड़ बुन में
पत्र छिपाए रही ।
रात के सन्नाटे में ,
लैंप के पास ,
साँस रोककर
कांपते हाथों से जब
पत्र खोला तो ,
हतप्रभ रह गई ।
लिखा हुआ कहाँ गया ?
न जाने , प्रियतम ने
क्या -क्या लिखा होगा ?
रोज ,
संदेश वाहक
की राह देखी जाती होगी ।
खाली ख़त का
क्या जबाव दूँ ?
विद्या शर्मा .......
.
1 comment:
वाह बहुत खूबसूरत भाव
खाली ख़त का
क्या जबाव दूँ ?
बेहतरीन रचना
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