Monday, March 9, 2009

खाली ख़त


प्रियतम का पत्र मिला ,

जाने क्या -क्या

लिखा होगा ?

प्यार की बातें ,

गिला शिकवा

नाराजगी या

शिकायत ,

मेरे रूठकर चले आने पर

मनुहार या

जल्दी आने की

रट ।

होली के रंग में रंगा

यादों का समंदर

या , जागते अरमानों का पैगाम ,

सोते सपनों का संसार ,

या, आरजुओं का सैलाव ।

इसी उधेड़ बुन में

पत्र छिपाए रही ।

रात के सन्नाटे में ,

लैंप के पास ,

साँस रोककर

कांपते हाथों से जब

पत्र खोला तो ,

हतप्रभ रह गई ।

लिखा हुआ कहाँ गया ?

न जाने , प्रियतम ने

क्या -क्या लिखा होगा ?

रोज ,

संदेश वाहक

की राह देखी जाती होगी ।

खाली ख़त का

क्या जबाव दूँ ?

विद्या शर्मा .......

.


1 comment:

M VERMA said...

वाह बहुत खूबसूरत भाव
खाली ख़त का
क्या जबाव दूँ ?
बेहतरीन रचना