Thursday, March 25, 2010

नाम

नाम , अलग 
करता है ,
ओरों से ,
परिवार की 
पहचान है ,
नाम पुरुष है ,
अहंकार है ,
अमरता का बोध है ,
नारी ,
नाम की अधिकारिणी नहीं ,
बेटी !!
यह शब्द ,
पीहर तक 
सार्थक है ,
पति घर में 
,एक नए नाम 
का पीछा करते -करते 
अपना अस्तित्व ही 
भूल जाती है 
सिर्फ एक शब्द 
बच पाता है ,
औरत |
विद्या शर्मा ...

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