Thursday, March 25, 2010

क्या पाया , क्या दिया ?

हम ही जानते हैं ,
इतनी बड़ी 
जिंदगी में ,
क्या खोया ?
क्या पाया ?
झूंठे इल्जाम , झिड़क 
अवहेलना , विरक्ति 
स्त्री होने की जिल्लत ,
कमाऊ न होने की 
सजा ,
पढ़ी -लिखी होने की 
ईर्ष्या ,
क्या कम था ?
फिर भी ,
प्यार , विश्वास 
संस्कार , उम्मीद 
आशीर्वाद , साहस , उत्साह 
सब कुछ दे दिया |
शायद , एक 
रास्ता खोज 
सकूँ 
उजाले का |

विद्या शर्मा ..

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