शरीर की
दहलीज पर
लगी , चौखट के
कपाट ही हैं ,
संस्कारों के
गवाक्ष हैं ,
संस्कृति के
पहरेदार हैं ,
सुरक्षा के
स्तम्भ हैं ,
दिल का द्वार हैं ,
पीड़ा का
संचार हैं ,
ममता का उद्गार हैं ,
छल ,दंभ , कटुता का
आभास हैं ,
चक्षु !!
इस महल की
भव्यता और
एकता का आइना हैं ,
जीवन की
सत्यता का
प्रतिबिम्ब हैं ,
चक्षु हमारा
व्यक्तित्व ही हैं |
विद्या शर्मा ...