Sunday, March 14, 2010

चाहो , तो ले लो

स्नेह , प्यार , ममता 
सब ,
फरेब है ,
लोभ और तृष्णा है ,
तुम ,
चाहो तो ,
ले लो 
फूलों की बहार .
रंग , रूप , आकर्षण
सब ,
भ्रम हैं ,
तुम चाहो तो ,
ले लो
जीवन का
उतार -चढाव
उत्थान -पतन ,
दुःख -सुख
सब , सफ़र है तुम चाहो तो ,
ले लो ,
पर ,
मुझे , परम शांति में
लीन रहने दो.|

विद्धया शर्मा ..

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