करता है ,
ओरों से ,
परिवार की
पहचान है ,
नाम पुरुष है ,
अहंकार है ,
अमरता का बोध है ,
नारी ,
नाम की अधिकारिणी नहीं ,
बेटी !!
यह शब्द ,
पीहर तक
सार्थक है ,
पति घर में
,एक नए नाम
का पीछा करते -करते
अपना अस्तित्व ही
भूल जाती है
सिर्फ एक शब्द
बच पाता है ,
औरत |
विद्या शर्मा ...
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