शिशु की ,
अंगुली में
माँ की उर्जा
प्रवाहित है ,
तभी ,तो ,
साहस , उत्साह , संरक्षण का
संचार निरंतर
स्फूर्ति जगाता है ,
माँ की अंगुली से ,
संस्कार स्वयं
रोपित होते हैं ,
माँ की , अंगुली से
स्वर्गारोहण सा
आभास होता है ,
अंगुली के पोरों से
लगाया , काजल
दिव्य प्रकाश सा
फैलता है ,
माँ की अंगुली
एक , मशाल सी
जलाकर
हमारी राहें
रौशन करती है |
विद्या शर्मा ...
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